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लघुकथा--जात-पात।





राधिका और रोहन आज अपनी शादी की पाँचवी सालगिरह मना रहे थे। शादी के पाँच साल बाद भी वे दोनो एक दूसरे को उतनी ही मोहब्बत करते थे। लेकिन एक बात आज तक दोनो ने एक दूसरे से साझा नहीं किया था। और वो बात थी उन दोनो के शादी से पहले के प्रेम की।
रोहन ने बड़ी हिम्मत जुटाकर दबी सी आवाज में राधिका से कहा, "राधिका, आज मैं तुम्हे कुछ कहना चाहता हूँ। चेहरे का अलग भाव देखकर राधिका ने जवाब दिया, "हाँ रोहन बोलो ना क्या बात है।" 
"राधिका, शादी से पहले मैं किसी और से प्यार करता था लेकिन वो मेरे जात की नहीं थी। इसलिए घरवालों ने हमारी शादी नहीं होने दी।" रोहन की बात सुनकर राधिका आश्चर्यचकित थी, क्योंकि वो भी यही बात कहना चाहती थी। जी हाँ, राधिका को भी किसी और से प्यार था लेकिन वो लड़का दूसरे जात का था।
"एक ही जात ने हम दोनो को तो मिलवा दिया लेकिन क्या वाकई हमारे दिल आपस में मिल पाये हैं।"
आज शादी की पाँचवीं वर्षगांठ पर राधिका और रोहन शायद यही सोच रहे थे।

©नीतिश तिवारी


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