तेरी यादों के सफ़र से मैं क्यों ना गुजरूँ, फिर से ये मीठा दर्द मैं क्यों ना सह लूँ, तुझे आती है तड़पाने की अदा तो फिर से तड़पा मुझे, तेरी …
Read moreक्यों गाँव मेरा वीरान हो गया? गुजरे वक़्त का एक पैगाम हो गया, लोग तो अब भी हैं मौजूद मगर, ये जैसे बिखरा हुआ सामान हो गया। कुछ हलचल क…
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