मेरी हसरतों का हिसाब तुम क्या लगाओगे ऐ ज़ालिम, खयाल आते ही उसे पन्नों पर उतार देता हूँ। मेरी बदहाली में तो किसी ने साथ ना दिया, जरा सा ह…
Read moreरातें कटती अब नहीं, दिन अब ढलता नहीं, जब से देखा है तेरा चेहरा, मेरा दिल अब मुझसे संभलता नहीं। उलझनें अब हटती नहीं, मंज़िलें अब रूकत…
Read moreजब जब तेरे मुखर बिंदु से, मेरा नाम निकलता है, तब तब मेरे ह्रदय में, एक सैलाब उमड़ जाता है। जब जब तेरे होठों की लाली, चुपके से कुछ …
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